राजपुत तंवर वंश की पांडववीर अर्जुन से अंतिम दिल्लीपति महाराजा तेजपाल द्वितीय (1192-1193 ई) तक वंशावली :-
1. अर्जुन
2. अभिमन्यु
3. परिक्षत
4. जनमेजय
5. अश्वमेघ
6. दलीप
7. छत्रपाल
8. चित्ररथ
9. पुष्टशल्य
10. उग्रसेन
11. कुमारसेन
12. भवनति
13. रणजीत
14. ऋषिक
15. सुखदेव
16.नरहरिदेव
17. सूचीरथ
18. शूरसेन
19. दलीप द्वितीय
20. पर्वतसेन
21. सोमवीर
22. मेघाता
23. भीमदेव
24. नरहरिदेव द्वितीय
25. पूर्णमल
26. कर्दबीन
27. आपभीक
28. उदयपाल
29. युदनपाल
30. दयातराज
31. भीमपाल
32. क्षेमक - इन्द्रप्रस्थ का अंतिम राजा, महावीर जैन के समकालीन
33. अनक्षामी
34. पुरसेन
35. बिसरवा
36. प्रेमसेन
37. सजरा
38. अभयपाल
39. वीरसाल
40. अमरचुड़
41. हरिजीवि
42. अजीतपाल
43. सर्पदन
44. वीरसेन
45. महेशदत्त
46. महानिम
47. समुद्रसेन
48. शत्रुपाल
49. धर्मध्वज
50. तेजपाल
51. वालिपाल
52. सहायपाल
53. देवपाल
54. गोविन्दपाल
55. हरिपाल
56. गोविन्दपाल द्वितीय
57. नरसिंह पाल
58. अमृतपाल
59. प्रेमपाल
60. हरिश्चंद्र
61. महेंद्रपाल
62. छत्रपाल
63. कल्याणसेन
64. केशवसेन
65. गोपालसेन
66. महाबाहु
67. भद्रसेन
68. सोमचंद्र
69. रघुपाल
70. नारायण
71. भनुपाद
72. पदमपाद
73. दामोदरसेन
74. चतरशाल
75. महेशपाल
76. ब्रजागसेन
77. अभयपाल
78. मनोहरदास
79. सुखराज
80. तंगराज
81. तुंगपाल – इनके नाम से इनके वंशज तोमर या तंवर राजपूत कहलाते हैं।
82. अनंगपाल तंवर (तोमर) – दिल्ली राज्य के संस्थापक, इस वंशावली से पता चलता है कि अनंगपाल तंवर और तंवर(तोमर) वंश चंद्रवंशी क्षत्रिय हैं, और इनका संबंध पाण्डु-पुत्र-अर्जुन से जुड़ता हैं।
83.राजा वासुदेव (754-773)
84.राजा गंगदेव (773-794)
85.राजा पृथ्वीमल (794-814)-बंगाल के राजा धर्म पाल के साथ युद्ध
86.जयदेव (814-834)
87.राजा नरपाल (834-849)
88.राजा उदयपाल (849-875)
89.राजा आपृच्छदेव (875-897)
90.राजा पीपलराजदेव (897-919)
91.राज रघुपाल (919-940)
92.राजा तिल्हणपाल (940-961)
93.राजा गोपाल देव (961-979)-इनके समय साम्भर के राजा सिहराज और लवणखेडा के तोमर सामंत सलवण के मध्य युद्ध हुआ जिसमें सलवण मारा गया तथा उसके पश्चात दिल्ली के राजा गोपाल देव ने सिंहराज पर आक्रमण करके उन्हें युद्ध में मारा
94.सुलक्षणपाल तोमर (979-1005)-महमूद के साथ युद्ध किया
95.जयपालदेव (1005-1021)-महमूद के साथ युद्ध किया, महमूद ने थानेश्वसर ओर मथुरा को लूटा
96.कुमारपाल (1021-1051)-मसऊद के साथ युद्ध किया और 1038 में हाँसी के गढ का पतन हुआ, पाच वर्ष बाद कुमारपाल ने हासी, थानेश्वसर के साथ साथ कांगडा भी जीत लिया
97.अनगपाल द्वितीय (1051-1081)-अनगपाल द्वितीय (1051-1081)-लालकोट का निर्माण करवाया और लोह स्तंभ की स्थापना की, अनंगपाल द्वितीय ने 27 महल और मन्दिर बनवाये थे।दिल्ली सम्राट अनगपाल द्वितीय ने तुर्क इबराहीम को पराजित किया,इनके 2 पुत्र राजस्थान में आकर बस गए राव सलून जी(सालूवाहन)-इनके वंशज वर्तमान में पाटन-तंवरावाटी में निवास करते हैं ,राव आमजी(अमलजी)- इनके वंशज रामदेवरा(पोखरण) में निवास करते हैं
98.तेजपाल प्रथम(1081-1105)
99.महिपाल(1105-1130)-महिलापुर बसाया और शिव मंदिर का निर्माण करवाया
100.विजयपाल (1130-1151)-मथुरा में केशवदेव का मंदिर
101.मदनपाल(1151-1167)-मदनपाल ने विग्रहराज के साथ मिलकर मल्लेच्छो की बाढ को रोका, मदलपाल विग्रहराज के शोर्य से प्रभावित होकर अपनी पुत्री देसलदेवी का विवाह किया (नाकि कीसी काल्पनिक अनगपाल तृतीय ने सोमेश्वर से)
102.पृथ्वीराज तोमर(1167-1189)-अजमेर के राजा सोमेश्वर और पृथ्वीराज चव्हाण इनके समकालीन थे
103.चाहाडपाल/गोविंदराज (1189-1192)-पृथ्वीराज चौहान के साथ मिलकर गोरी के साथ युद्ध किया,तराईन दुसरे युद्ध मे मारा गया
104.तेजपाल द्वितीय (1192-1193 ई)-दिल्ली का अन्तिम तोमर राजा , जिन्होंने स्वतन्त्र 15 दिन तक शासन किया, और कुतुबुद्दीन ने दिल्ली पर आक्रमण कर हमेसा के लिए दिल्ली पर कब्जा कर लिया।