Sunday, June 13, 2021

राव केसरीसिंह तंवर[सिंहराज]

झज्जर के नवाब और बेगम द्वारा पाटन के राव केसरीसिंह तंवर को सिंहराज कि उपाधी देना।

Rao kesari singh [Sinhraj]

सन् 1650 ई के आसपास पाटन के राव केसरीसिंह तंवर थे, उनके बारे मे कहा जाता है कि वो शारीरिक रूप बलिष्ठ, साहसी और निडर राजा थे। उनके पास अपने 100 लडाका सिपाही थे, जिनकी मदद से वो अक्सर राजस्थान से दिल्ली दरबार को जाने वाले कर(धन) को बीच मे ही लूट लिया करते थे, इस लूट को वो दुसरे राज्य के सीमा मे जाकर अंजाम देते थे ताकि बादशाह को उन पर शक ना हो। केसरीसिंह को शिकार खेलने का बहूत शोक था एक बार शिकार करते करते वो झज्जर के नवाब के राज्य मे प्रवेश कर गए (उस समय पाटन कि सीमा झज्जर राज्य से मिलती थी)। वहा केसरीसिंह नवाब के शेर से निहत्थे भिड गए और अपने हाथो से शेर को चीरकर मार दिया। ये बात जब नवाब को पता चली तो उसने पाटन पर हमले कि तैयारी की लेकिन बेगम ने मना कर दिया कहा कि जिसने अपने बलशाली और खुंखार शेर को अपने हाथो से मार दिया हो वो कितना निडर होगा, केसा दिखता होगा? एसे राजा से तो मित्रता करनी चाहिए। तब नवाब ने केसरीसिंह को पत्र लिखकर कहलवाया कि या तो हमसे युद्ध करने के लिए तैयार रहो या फिर अकेले झज्जर आकर हमसे मिलो। फिर केसरीसिंह अकेले ही झज्जर पहुंच गए, सेवक ने दरीखाने मे रहने की व्यवस्था कर दी। केसरीसिंह थके हुए थे और काफी देर इंतजार करने के बाद तलवार और पाग बगल मे रख कर सो गए। थोडी ही देर बाद नवाब और बेगम दरीखाने मे पहुंच गए, केसरीसिंह को सोते हुए देखकर बेगम बोली कि देखो केसे सो रहा है जेसे जंगल मे शेर बेखौफ होकर सोता है, वास्तव मे असली शेर तो ये केसरीसिंह है जो हथियार दुर रखकर दुश्मन के घर मे बेखौफ होकर सो रहा है मुझे कोई संका नही कि अपना शेर इन्होने नही मारा हो, उनकी बाते सुनकर केसरीसिंह जग गए। तब बेगम ने राव से कहा असली शेर वो नही जिसे आपने मारा असली शेर तो आप हो, आपको को पता था कि आपके साथ  कुछ भी गलत हो सकता हे फिर भी अकेले आ गए और दुश्मन के बाडे मे बेखौफ होकर सो गए तब राव कि निडरता को देखकर नवाब और बेगम ने खुश होकर केसरीसिंह तंवर को सिंहराज की उपाधि दी।

                                    🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏

पाटन राव केसरीसिंह तंवर (सिंहराज)

पिता का नाम- राव प्रतापसिंह पाटन 

उत्तराधिकारी- राव फतेहसिंह पाटन 

संताने- केसरीसिंह जी के 13 पुत्रो का विवरण मिलता है।

  1. कुंवर अजायब सिंह
  2. कुंवर माधो सिंह
  3. कुंवर भवानी सिंह
  4. राव फतेह सिंहजी 
  5. कुंवर जुझार सिंह
  6. कुंवर हिम्मत सिंह
  7. कुंवर कुशल सिंह
  8. कुंवर हिंदू सिंह
  9. कुंवर पुरुषोत्तम सिंह
  10. कुंवर राम सिंह
  11. कुंवर प्रेम सिंह
  12. कुंवर किशन सिंह
  13. कुंवर कीरत सिंह
इन्ही के वंशज वर्तमान पाटन, किशोरपुरा, काचरेडा, कंवर की नांगल, रायपुर, कोला की नांगल, डोकन, सिहोड आदि इन 8 गाँवो मे निवास करते है।
                                          🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏

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